पुष्पा भाउ की तरह नहीं है पसंद किसी के आगे झुकना, तो शुरू करे इस पेड़ की खेती होंगी ताबड़तोड़ कमाई। खेती में आजकल कई नए तरीक़े और तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है। पहले जहाँ किसान पारंपरिक खेती पर निर्भर रहते थे, वहीं अब समय के साथ आधुनिक खेती को अपनाकर अच्छे मुनाफ़े कमा रहे हैं।
किसानों का रुझान उन फ़सलों की ओर बढ़ रहा है, जिनसे ज़्यादा मुनाफ़ा हो। आज हम आपको एक ऐसी ही खेती के बारे में बता रहे हैं, जिससे किसान करोड़ों रुपये का मुनाफ़ा कमा सकते हैं। यह है चंदन की खेती! इसकी खेती सबसे ज़्यादा दक्षिण भारत के राज्यों में होती है, लेकिन धीरे-धीरे इसकी खेती दूसरे राज्यों में भी शुरू हो गई है।
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जानिए चंदन की मुख्य किस्में
चंदन की मुख्य रूप से चार किस्में हैं – सफ़ेद चंदन, लाल चंदन, नाग चंदन और मोर चंदन। इनमें से लाल चंदन की सबसे ज़्यादा मांग रहती है। इसकी विदेशों में भी बहुत मांग है। हालाँकि, अन्य प्रकार के चंदन के पेड़ लगाकर भी अच्छा मुनाफ़ा कमाया जा सकता है।
जानिए किस प्रकार की मिट्टी में करें खेती?
चंदन की खेती के लिए गर्म जलवायु के साथ-साथ दोमट मिट्टी उपयुक्त होती है। मिट्टी का पीएच (pH) मान 4.5 से 6.5 के बीच होना चाहिए। इन पौधों को लगाने का सबसे अच्छा समय मई से जून के बीच होता है। ये पौधे किसी भी अच्छी नर्सरी में आसानी से मिल जाते हैं।
खेती करने का सही तरीका
सबसे पहले आपको पेड़ लगाने के लिए पौधों का इंतज़ाम करना होगा। इसके बाद खेत की जुताई करके मिट्टी को मुलायम बना लें। इसके बाद गड्ढे खोदकर उनमें पौधे लगा दें। पौधे लगाने के बाद गड्ढों में खाद भर दें। ध्यान रहे कि पौधों के आस-पास पानी की अच्छी निकासी की व्यवस्था हो, क्योंकि ज़्यादा पानी से पौधे ख़राब हो जाते हैं।
होंगा करोड़ों का मुनाफ़ा
चंदन की खेती में कुछ समय ज़रूर लगता है, लेकिन ये पेड़ जितने पुराने होंगे, उतना ही ज़्यादा फायदा होगा। एक चंदन का पौधा लगाने में आपको क़रीब ₹100 ख़र्च करने पड़ेंगे, लेकिन क़रीब दस से पंद्रह साल बाद यह पेड़ क़रीब ₹2 लाख रुपये या उससे भी ज़्यादा में बिक जाता है। अगर आप अपने खेत में 100 चंदन के पेड़ भी लगा देते हैं, तो 15 साल में दो करोड़ रुपये से ज़्यादा का मुनाफ़ा कमाया जा सकता है।
डिस्क्लेमर: चंदन की खेती के लिए सरकारी अनुमति आवश्यक होती है। मुनाफ़ा बाज़ार की मांग, पेड़ की गुणवत्ता और सही देखरेख पर निर्भर करता है। खेती शुरू करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह और सरकारी नियमों की जानकारी ज़रूर लें।
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